जैसे तबले से बाँसुरी की आवाज़ निकालने की कोशिश हो रही हो...
2.
किसी भी आयोजनों में कितनी चमक दमक हो लेकिन यदि वहाँ बल्लू भाई की बाँसुरी की आवाज़ सुनाई दे रही हो तो समझ लीजिये समाँ कुछ और ही हो जाता है.
3.
समस्त कृतरम नाद कम से कम दो निमितों से पैदा होते हैं जैसे वाध्य यंत्रों में लगे गज और तार का घर्षण, ढोल तथा पीटने के लिये छड़ी की चोट, या वायु का किसी संकरे मार्ग से बाँसुरी की आवाज़ की तरह सुनायी देना।
4.
बाँसुरी के जादूगर से सुनिये-जादूगर सैया छोड़ो मोरी बैंया बलजिंदर सिंह मेरे शहर के जाने माने बाँसुरी वादक हैं. हम प्यार से उन्हें बल्लू भाई कहते हैं.कंस्ट्रक्शन का लम्बा चौड़ा कारोबार है बल्लू भाई का लेकिन दिल रमता है संगीत में.बाँसुरी बजाते हैं और क्या ख़ूब बजाते हैं.किसी भी आयोजनों में कितनी चमक दमक हो लेकिन यदि वहाँ बल्लू भाई की बाँसुरी की आवाज़ सुनाई दे रही हो तो समझ लीजिये समाँ कुछ और ही हो जाता है.